क्या आप को मालूम है अमेज़न दुनिया की सबसे बड़ी ईकॉमर्स कंपनी कैसे बनी!

क्या आप को मालूम है अमेज़न दुनिया की सबसे बड़ी ईकॉमर्स कंपनी कैसे बनी :-

8 जून, 2000 को जेरेमी वाइन ‘बीबीसी न्यूज़नाइट’ की डेस्क पर, एक दम से लड़खड़ाते हुए ईकॉमर्स बाज़ार पर एक रिपोर्ट कर रहे थे.उस रात मेहमान के तौर पर 36 साल के जेफ़ बेज़ोस मौजूद थे. उस वक़्त बेज़ोस Amazon.com के बस एक CEO थे.
25 साल के बाद अमेज़न दुनिया की उन कंपनियों की लिस्ट में शामिल हो गया , जिनकी वैल्युएशन दो ट्रिलियन डॉलर से भी ज़्यादा है!
जेरेमी वाइन की रिपोर्ट के मुताबिक़, साल 1999 में अमेज़न ने 1.6 बिलियन डॉलर की बिक्री की थी, और उसी साल में कंपनी को 720 मिलियन डॉलर का बहुत बडा नुकसान भी उठाना पड़ा था.

शुरुआती मे सफाल, और भारी असफल होने के बावजूद, अमेज़न को साल 2000 के दशक की शुरुआत में डॉटकॉम बूम के चलते भारी नुक़सान का झटका लगा था.

एक इंटरव्यू शुरू करते हुए कहा था की , “लोग कहते थे कि अमेजन अद्भुत है. लेकिन अब वे कहते हैं कि……
क्या यह हैरानी वाली बात नहीं है कि अमेज़न इतना घाटे में जा रहा है?”
तब जेफ़ बेज़ोस ने जवाब देते हुए कहा, “ठीक है,
भले ही हम अभी एक नुक़सान उठाने वाली कंपनी के तौर पर जाने जाते हैं. लेकिन हम अपनी रणनीतियों को लेकर सचेत हैं और ये निवेश करने वाले फ़ैसले का वक़्त है.”

daliykhabar.com

कुछ कंपनियों ने ही वेब-आधारित बिजनेस की क्षमता से रूबरू थीं.

फिर 5 जुलाई, 1994 को वाशिंगटन के बेलेव्यू में एक गैरेज में अपनी कंपनी को शुरू किया और एक साल बाद ही एक साइट भी लॉन्च कर दी.

वर्ल्ड वाइड वेब
इस वक़्त अपने शुरुआती दौर में था. उस वक़्त वेब 1.0 के तौर पर जाना जाता था.

उस इंटरव्यू के 24 साल बाद और अमेज़न की शुरुआत के 30 साल बाद, जेरेमी वाइन को अभी भी अपने इंटरव्यू के कुछ ख़ास हिस्से याद हैं-

  • साइट के लॉन्च होने के चार साल बाद, अमेज़न दुनिया का सबसे बड़ा ऑनलाइन बिक्री प्लेटफ़ॉर्म बन गया.
  • अमेज़न ने अपने प्लेटफॉर्म पर इलेक्ट्रॉनिक्स, खिलौने और डिवाइस जैसे दूसरे सामानों को भी बेचना शुरू कर दिया.
  • साल 2000 के आख़िर तक अमेज़न के पास लगभग एक करोड़ 70 लाख से भी ज़्यादा ग्राहक थे.
  • अब तक अमेज़न की मार्केट वैल्यू भी इसके आईपीओ से 50 गुना तक बढ़ चुकी थी.
  • जेफ़ बेज़ोस को टाइम मैगज़ीन ने 1999 का ‘पर्सन ऑफ़ द ईयर’ भी नामित किया था.

कुछ लोग अमेज़न और बेज़ोस के बारे में क्या सोचते हैं, इस बात को नज़रअंदाज़ करना भी मुश्किल है.

लेकिन इस बात को इनकार नहीं किया जा सकता कि अमेज़न ने हमारे आर्थिक अस्तित्व के ज़्यादातर पहलुओं पर अपनी मौजूदगी दर्ज़ करा दी है.
इतने सारे असफ़लता का सामना करने के बाद भी कभी हार न मानी और आज दुनिया की इतनी बड़ी ईकॉमर्स कंपनी बन गई

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