झारखंड के 12 जिलों में भारी बारिश को लेकर यलो अलर्ट जारी किया गया है।

भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने इन जिलों में अत्यधिक बारिश की संभावना जताई है, जिससे जनजीवन प्रभावित हो सकता है। इन जिलों में रांची, बोकारो, धनबाद, हजारीबाग, गुमला, सिमडेगा, पूर्वी सिंहभूम (जमशेदपुर), पश्चिमी सिंहभूम, खूंटी, रामगढ़, पलामू और लातेहार शामिल हैं।

भारी बारिश के संभावित प्रभाव

भारी बारिश से कई क्षेत्रों में बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो सकती है। नदियों और तालाबों का जलस्तर बढ़ सकता है, जिससे आसपास के इलाकों में जलभराव की स्थिति बन सकती है। ग्रामीण और शहरी इलाकों में निचले इलाकों में पानी भरने से आवागमन में कठिनाई हो सकती है। कृषि भूमि में जलभराव होने से फसल को नुकसान पहुंच सकता है, जिससे किसानों को आर्थिक हानि हो सकती है। इसके अलावा, भारी बारिश के कारण बिजली आपूर्ति भी बाधित हो सकती है।

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प्रशासन की तैयारी

प्रशासन ने संभावित आपात स्थिति से निपटने के लिए तैयारी की है। स्थानीय प्रशासन ने बचाव दलों को अलर्ट पर रखा है और जरूरत पड़ने पर राहत कार्य तेजी से शुरू करने के निर्देश दिए हैं। बाढ़ संभावित क्षेत्रों में एनडीआरएफ (नेशनल डिजास्टर रिस्पांस फोर्स) की टीमों को तैनात किया गया है। जलभराव की स्थिति से निपटने के लिए पंप सेट और अन्य उपकरणों को तैयार रखा गया है।

नागरिकों के लिए दिशा-निर्देश

नागरिकों को भी इस यलो अलर्ट के दौरान सतर्क रहने की सलाह दी गई है। स्थानीय प्रशासन ने लोगों को निम्नलिखित दिशा-निर्देशों का पालन करने की अपील की है:

1. जरूरी होने पर ही यात्रा करें: अत्यधिक आवश्यक न हो तो घर से बाहर न निकलें। विशेषकर उन इलाकों में न जाएं जहां जलभराव की संभावना हो।

2. सुरक्षित स्थान पर रहें: निचले इलाकों में रहने वाले लोग सुरक्षित और ऊंचे स्थानों पर चले जाएं।

3. बिजली उपकरणों से सावधान रहें: भारी बारिश के दौरान बिजली के उपकरणों का उपयोग न करें और बिजली के तारों से दूर रहें।

4. खाने-पीने की वस्तुओं का ध्यान रखें: स्वच्छ और सुरक्षित पानी का ही सेवन करें। खाने-पीने की वस्तुओं को ढक कर रखें ताकि वे गंदगी और जलभराव से सुरक्षित रहें।

5. स्थानीय प्रशासन के संपर्क में रहें: स्थानीय रेडियो और टीवी चैनलों पर प्रसारित हो रहे मौसम संबंधी अपडेट्स पर ध्यान दें और प्रशासन द्वारा जारी निर्देशों का पालन करें।

निष्कर्ष

झारखंड के 12 जिलों में भारी बारिश के इस यलो अलर्ट के दौरान सतर्कता और सावधानी बरतना बेहद जरूरी है। प्रशासन और नागरिकों के बीच तालमेल से ही इस प्राकृतिक आपदा से सुरक्षित निकला जा सकता है। सभी नागरिकों से अपील है कि वे प्रशासन के निर्देशों का पालन करें और अपनी सुरक्षा का ध्यान रखें।

भारी बारिश के प्रभाव

भारी बारिश से सड़कें और गलियाँ जलमग्न हो सकती हैं, जिससे परिवहन व्यवस्था बाधित हो सकती है। इससे रोजमर्रा की गतिविधियों में भी बाधा आ सकती है। जलभराव के कारण यातायात जाम और दुर्घटनाओं की संभावना बढ़ जाती है। इसके अलावा, लंबी अवधि की बारिश से मिट्टी में नमी बढ़ जाती है, जिससे भूस्खलन का खतरा भी उत्पन्न हो सकता है, विशेषकर पहाड़ी इलाकों में।

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स्वास्थ्य पर असर

भारी बारिश के दौरान पानी की आपूर्ति और सीवेज व्यवस्था में गड़बड़ी हो सकती है, जिससे पीने के पानी की गुणवत्ता पर असर पड़ता है। इससे जलजनित बीमारियों जैसे डायरिया, हैजा, और टाइफाइड का खतरा बढ़ सकता है। इसलिए, लोगों को उबला हुआ या शुद्ध पानी पीने की सलाह दी जाती है। मच्छरों के पनपने की संभावना भी बढ़ जाती है, जिससे डेंगू और मलेरिया जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ सकता है।

कृषि पर असर

झारखंड में खेतीबाड़ी प्रमुख व्यवसाय है और बारिश का सीधा असर किसानों पर पड़ता है। भारी बारिश से खेतों में पानी भरने से फसलें नष्ट हो सकती हैं। धान की खेती पर विशेष प्रभाव पड़ सकता है क्योंकि अत्यधिक जलभराव से पौधों की जड़ें सड़ने लगती हैं। इसके अलावा, बारिश से खेतों में काम करने में भी कठिनाई होती है, जिससे कृषि कार्य बाधित हो सकता है।

सुरक्षित रहने के उपाय

1. बाढ़ से बचाव: यदि आपके इलाके में बाढ़ का खतरा है, तो परिवार के साथ सुरक्षित स्थान पर शरण लें। ज़रूरी दस्तावेज़, नकदी, और जरूरी सामान एक बैग में तैयार रखें ताकि आपात स्थिति में आसानी से ले जा सकें।

2. आपातकालीन संपर्क: परिवार के सदस्यों के साथ आपातकालीन संपर्क योजना बनाएं। स्थानीय राहत केंद्रों और अधिकारियों के संपर्क नंबर अपने पास रखें।

3. संपत्ति की सुरक्षा: अपने घर और संपत्ति को सुरक्षित रखने के लिए उचित प्रबंध करें। घर की छत और दीवारों की मरम्मत करवा लें और जरूरी चीजों को ऊंचे स्थान पर रखें।

4. समुदाय का सहयोग: स्थानीय समुदाय के साथ मिलकर काम करें। पड़ोसियों के साथ जानकारी साझा करें और जरूरतमंदों की मदद करें।

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